पढाई के दौरान एकाग्रता कैसे बढ़ाएं?
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पढाई के दौरान एकाग्रता कैसे बढ़ाएं?

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क्या आपका बच्चा पढ़ाई के दौरान इधर-उधर देखता है? या वह बार-बार खेलने के लिए बाहर निकलता है, बार-बार उसे भूख लगती है और पेशाब के लिए बाहर जाना होता है | यह तमाम चीजे बताती है कि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है। इन सारी वजह से वह पढ़ाई में कमजोर हो सकता हैं | इससे लक्ष्य को प्राप्त करने में परेशानी हो सकती हैं।

एकाग्रता क्या है

पढ़ाई का एक अभिन्न अंग एकाग्रता है, जिसका अर्थ है (क्रिया) अपना पूरा ध्यान एक काम पर केंद्रित करना। पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का मतलब है अपनी सभी सामूहिक मानसिक क्षमताओं और ध्यान को एक दिशा में लगाना, यानी पढ़ाई करना। 

“एकाग्रता” को कभी-कभी “ध्यान अवधि” के साथ भ्रमित किया जाता है। ध्यान अवधि वह समय है जो आप किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने में लगाते हैं और एकाग्रता के अर्थ से पूरी तरह अलग है। एक छात्र लगातार लंबे समय तक पढ़ाई कर सकता है, परंतु एकाग्रता की कमी से कोई भी सीख हासिल नहीं हो सकती है। एक अच्छे और प्रभावी अध्ययन सत्र के लिए, विषय पर एकाग्रता और ध्यान आवश्यक है। ऐसी स्थिति में क्या करें जिससे बच्चे का मन पढ़ाई में लगे और उसकी एकाग्रता बढ़े।

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पढ़ाई के दौरान पढ़ने का स्थान शांत होना चाहिए | पढ़ाई के दौरान लिख लिखकर पढ़ने की आदत डालनी चाहिए, जिससे वो चीजें आसानी से याद हो सके और पढ़ने में रुचि आए | जब भी पढ़ाई करने बैठे तो मनपसंद विषयों से पढ़ने की शुरुआत करे जिससे बोर लगने की संभावना कम हो |

पढ़ाई को बोझ समझकर न पढ़े, पढ़ाई को दिलचस्पी के साथ पढ़े।

पढ़ाई के दौरान एकाग्रता क्यों जरूरी हैं?

एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है बिना एकाग्रता के लंबे समय से किया गया मेहनत व्यर्थ हो सकता हैं। जब हमारा मन एकाग्र होता है, तो हम अपने आस-पास के अवसरों को बेहतर ढंग से पहचान पाते हैं। इससे हम अपने लक्ष्य पर अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। पढ़ाई के दौरान एकाग्रता बेहद जरूरी क्योंकि जिस जानकारी के बारे में हम जानना चाहते हैं उसे बेहतर तरीके से समझ सकते हैं| उन चीजों को बेहतर तरीके से याद रख पाते हैं और अपनी जीवन शैली में कभी भी उपयोग में ला सकते हैं।

यदि पूर्ण रूप से देखा जाए, तो नियमित रूप से एकाग्रता और ध्यान का अभ्यास मन को नियंत्रित करना सिखाता है। जब ध्यान भटकने लगता है, तो यह अभ्यास हमें इसे दोबारा सही दिशा में ले जाने में मदद करता है।

एकाग्रता के महत्व

सही निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

  • आत्मविश्वास हमेशा बड़ा हुआ रहेगा।
  • समय का उपयोग सही रीति से होगा।
  • सफलता प्राप्त करने के मौका बढ़ जाएंगे।
  • एकाग्रता से मानसिक तनाव कम होगी।

कुछ ऐसे टिप्स जो बच्चे की एकाग्रता को बढा सकती है।

पढाई के दौरान एकाग्रता बढ़ाएं

1. पढाई का निश्चित समय रखें

पढ़ाई का समय हमेशा तय होना चाहिए | विषयों का समय सारणी हो जिससे बच्चा क्रमशः उन्हें पढ़ सके | एक समय ये भी तय रखे कब कौनसी गृह कार्य को करनी है, और कब रिवीजन करना है | इससे दिमाग और शरीर उस कार्य के लिए तैयार हो जाते हैं, और बच्चा रोज़ तय समय पर अपना पूरा पढ़ाई का काम करने लगता है। यह उसकी एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। 

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2. अपने आप को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना 

पढ़ाई के दौरान हमारा एक लक्ष्य होना बहुत जरूरी है। पढाई शुरू करने से पहले अपने लक्ष्य को याद करते हए खुद को प्रेरित करे | कभी भी ये ना सोचे हमसे नहीं हो पाएगा, ये सोचे इसके बाद हमे कौनसी अवसर प्राप्त होगी। और सोचे ये भविष्य के लिए पढ़ाई कितना महत्वपूर्ण है।

3. पढाई को दिलचस्प बनाना

विषयों को रटने के बजाय उसे समझने की कोशिश करना, और उसकी जानकारी को इकट्ठा करना, और उस विषय को गहराई से जानने की इच्छा रखना। नई-नई खोज करना, उसे प्रकृति के जोड़ने की कोशिश करना। पोस्टर, फोटो जैसी सामग्री का मदद लेते हुए अपने पढ़ाई को दिलचस्प बनाना।

4. पढ़ाई के दौरान घर का माहौल शांत रखना

कई बार ऐसा होता हैं परिवार में किसी बातों को अनबन होती हैं जिससे बच्चा का ध्यान पढ़ाई से हट कर अनबन वाली माहौल में चला जाता हैं! बच्चे के पढ़ाई के समय मोबाइल, टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक वस्तु का उपयोग करने से बचे।

5. पर्याप्त नींद लेना और नियमित व्यायाम करना

एकाग्रता बढ़ाने के लिए नींद का पूरा होना बहुत जरुरी है| कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद बच्चे के विकास और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता के लिए आवश्यक होती है।कई बार बच्चा टीवी, मोबाईल में गेम खेलने जैसे क्रिया को करता है और समय से ना सोने के कारण वह सुबह देर से उठते हैं। इससे वे स्कूल की गतिविधियों में ठीक से भाग नहीं ले पाते और पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। इसलिए समय पे बच्चों को सुलाना और समय पर उठ के व्यायाम और ध्यान जैसी सकारात्मक गतिविधियाँ कर सकें।

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6. शारीरिक गतिविधियाँ करें

हम समझते हैं कि पढ़ाई ज़रूरी है, लेकिन खुद को कुछ खेलों या शारीरिक गतिविधियों में शामिल करना भी उतना ही ज़रूरी है। इससे आपके पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषण देता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।

7. पौष्टिक आहार खाएं

बच्चों द्वारा नाश्ता ना करना या समय पर भोजन ना करना ये कोई असमान्य बात नहीं है। बच्चों को समय पर संतुलित भोजन और नाश्ता करना चाहिए, ताकि उनका ध्यान पढ़ाई या अन्य गतिविधियों से न भटके। जंक फूड की आदत उनके स्वास्थ्य में कई समस्याएं पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष

पढ़ाई के दौरान एकाग्रता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से अध्ययन करना, वातावरण का चयन, विचलन से बचाना, ब्रेक लेना, ध्यान और योग, स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद, और व्यायाम करना आवश्यक है! इन तरीकों को अपनाकर, पढ़ाई के दौरान एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं। अपने जीवन का जो लक्ष्य है उसे हमेशा याद करते हुए अपने आपको एकाग्र रखे | कई ऐसे बच्चे भी होते है जो पढ़ाई के दौरान एकाग्र नहीं होते ऐसे बच्चों की शिक्षक सहायता करे विषयों को मजेदार बना के उन पर ध्यान केंद्रित करवाए। इसके बावजूद भी बच्चा ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा है तो उनके माता पिता से चर्चा करे या किसी परामर्शदाता की मदद ले! साथ ही माता-पिता बच्चों पढ़ाई को लेके दबाव ना बनाए| बच्चों के साथ समय बिताएं और यह समझने की कोशिश करें कि उनकी रुचि किसमें है। अपने अधूरे सपनों को उन पर थोपने की बजाय, उनसे पूछें कि वे क्या बनना चाहते हैं और क्या करना पसंद करते हैं। माता-पिता के द्वारा कि सहायता से बच्चा ध्यान केंद्रित कर के अपने लक्ष्यों में सफलता प्राप्त करेगा।

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