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घोस्टिंग क्या है? कारण, लक्षण और मानसिक प्रभाव

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आज के डिजिटल युग में रिश्ते भी डिजिटल बन गए हैं। जितनी जल्दी बनते हैं, उतनी ही जल्दी टूट भी जाते हैं। पहले जहां संबंधों में स्थायित्व और संवाद की महत्ता थी, वहीं अब संचार के अनेकों साधनों के बावजूद लोग संवाद से बचने लगे हैं। “घोस्टिंग” इसी प्रकार का एक आधुनिक सामाजिक व्यवहार है, जो विशेष रूप से युवाओं के बीच बढ़ता जा रहा है।

घोस्टिंग क्या है?

एक कहावत हैं ना “दूर के ढोल सुहावने होते हैं”

वैसे ही आज-कल के रिश्ते भी हैं, जो दूर से हमे अच्छे लगते हैं। जैसे कि आपने किसी के साथ कुछ महीनों तक डेटिंग की, घंटों साथ बिताए, एक-दूसरे की तस्वीरें शेयर कीं और यहां तक कि भावुक संदेशों का आदान-प्रदान भी किया। फिर अचानक, उन्होंने आपको मैसेज भेजना या आपके किसी भी संदेश का जवाब देना बंद कर दिया। क्या हुआ? आपको भूत बना दिया गया है। आज की डेटिंग दुनिया में भूत-प्रेत एक दिल तोड़ने वाली सच्चाई है। इस तरह यह आपके आत्म-सम्मान को तोड़ सकता है और आपकी भावनाओं को बहुत प्रभावित कर सकता है। वास्तव में, जिस प्रकार शारीरिक दर्द हमारे लिए असहनीय होता है, वैसे ही मानसिक दर्द भी शरीर को नष्ट करते जाता हैं।

घोस्टिंग की उत्पत्तिः

‘घोस्टिंग’ शब्द की उत्पत्ति इंटरनेट और ऑनलाइन डेटिंग के बढ़ते चलन के साथ हुई है। जैसे-जैसे लोगों ने डेटिंग एप्स का इस्तेमाल करना शुरू किया, वैसे-वैसे रिश्तों में अस्थिरता और क्षणिकता का प्रवेश हुआ। लोग एक-दूसरे से जल्दी जुड़ते हैं और जब संबंधों में किसी प्रकार की असहजता आती है, तो संवाद के बजाय अचानक गायब हो जाना उन्हें आसान विकल्प लगता है।

घोस्टिंग के कारण

टकराव से बचने की प्रवृत्तिः

घोस्टिंग का सबसे आम कारण यह होता है कि व्यक्ति किसी प्रकार के टकराव या भावनात्मक बातचीत से बचना चाहता है। उसे लगता है कि सामने वाले को ‘ना’ कहने या रिश्ते को समाप्त करने की सीधी बात करने से स्थिति असहज हो सकती है। इसलिए वह बिना कुछ कहे गायब हो जाना बेहतर समझता है।

भावनात्मक अपरिपक्वताः

कई बार लोग भावनात्मक रूप से इतने परिपक्व नहीं होते कि वे रिश्तों की जिम्मेदारी ले सकें। जब उन्हें लगता है कि वे इस रिश्ते को संभाल नहीं पा रहे, तो वे चुपचाप दूरी बना लेते हैं। ऐसे लोग अक्सर अपने भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते और उन्हें लगता है कि गायब हो जाना ही सही उपाय है।

डिजिटल युग का प्रभावः

सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स ने लोगों को एक-दूसरे से जोड़ना तो आसान बना दिया है, लेकिन साथ ही रिश्तों को अस्थायी भी बना दिया है। जब विकल्प अधिक होते हैं, तो लोग किसी एक रिश्ते में टिकना मुश्किल समझते हैं। अगर किसी और में दिलचस्पी जगती है, तो वे पुराने रिश्ते को बिना कोई स्पष्टीकरण दिए छोड़ देते हैं।

खराब संचारः

कठोर सच्चाई यह है कि कुछ लोग रोमांटिक रिश्ते को तब भूल जाते हैं जब उन्हें अपने साथी के साथ कठिन बातचीत करनी होती है। हो सकता है कि वे दूसरे व्यक्ति के साथ प्यार में न रहे हों, अपने खुद के त्याग के घावों के उभरने से कमज़ोर महसूस कर रहे हों, या अनुभव की कमी या दूसरे व्यक्ति को निराश करने के अपने डर के कारण मुश्किल बातचीत का सामना करना न जानते हों। नतीजतन, वे बिना कुछ कहे ही बयान देने के तरीके के रूप में रिश्ते को भूलने का सहारा ले सकते हैं।

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आत्म-सम्मान की कमी:

आत्म-सम्मान कमी और अपर्याप्तता की भावनाएँ सकारात्मक रूप से किसी रिश्ते को भूल जाने से संबंधित हैं, जिसका अर्थ है कि जितना अधिक व्यक्ति अपर्याप्तता की भावना से जूझता है, उतनी ही अधिक संभावना है कि वह अपने साथी को “भूत” बना ले। यदि कोई व्यक्ति अपने भीतर आत्मविश्वास महसूस नहीं करता है, मानता है कि उसका साथी उससे कहीं बेहतर का हकदार है, या गहरे लगाव के घाव से जूझ रहा है, तो वह किसी रिश्ते को भूल सकता है। इस पैटर्न के तहत, कुछ भूतों को लगता है कि वे किसी सहायक साथी के साथ अपने दर्द को दूर करने के बजाय, उस व्यक्ति के जीवन से खुद को मिटाकर दूसरे व्यक्ति पर एहसान कर रहे हैं।

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दिलचस्पी खत्म हो जानाः

कई बार जब किसी व्यक्ति की दूसरे में रुचि समाप्त हो जाती है, तो वह सोचता है कि बात करने से कोई फायदा नहीं। संवाद में समय और ऊर्जा लगाने की बजाय, वह व्यक्ति बिना कुछ कहे संपर्क तोड़ देता है।

घोस्टिंग के लक्षण:

  • वार्तालाप में कमी आना:- पहले जिस व्यक्ति से नियमित रूप से आपकी बातचीत होती थी, कुछ समय के बाद वहीं व्यक्ति आपके मैसेज या कॉल का जवाब देना कम कर देता हैं, वह ऐसे अपने आप को पेश करता हैं कि वह व्यक्ति बहुत ज्यादा व्यस्त है या बहुत काम का बहाना बनाने लगता है।
  • एकतरफा प्रयास रह जानाः- आप बार-बार संपर्क करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सामने से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती। कोई बात करने पर चिड़चिड़ा व्यवहार करना, ऐसा लगने लगता है कि सिर्फ आप ही रिश्ते को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • सोशल मीडिया पर भी दूरी:- वो व्यक्ति आप से समय-समय पर मेसेज भेजना, नियमित रूप से आपकी जानकारी लेना, एक समय बाद अचानक आपको सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर देना, स्टोरीज/पोस्ट्स को हाइड करना। ऑनलाइन होने के बावजूद रिप्लाई नहीं करना।
  • बहानों का सहारा लेना:- बार-बार यही कहना कि “अभी व्यस्त हूँ”, “बाद में बात करते हैं” या “परिवार के लोग साथ है”- मगर बाद में भी संपर्क नहीं करता।

घोस्टिंग से किस प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है:-

मानसिक प्रभावः

  • घबराहट और चिंता: जब कोई व्यक्ति अचानक संपर्क तोड़ देता है, तो दिमाग लगातार एक ही प्रश्न रहता है- “क्या हुआ?”, “मैंने क्या गलत किया?”
  • अवसाद: लंबे समय तक जवाब न मिलने से व्यक्ति खुद को अकेला और निरर्थक महसूस कर सकता है।
  • अत्यधिक सोच: बार-बार मैसेज पढ़ना, कॉल लॉग चेक करना, पिछली बातचीत में गलती ढूंढना।

भावनात्मक प्रभावः

  • आत्म-संदेह: व्यक्ति अपनी योग्यता, सुंदरता, व्यवहार, सब पर सवाल उठाने लगता है।
  • भावनात्मक अस्थिरता: छोटी-छोटी बातों पर रोना, मूड स्विंग्स, निराशा, बात-बात में गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन होना।

सामाजिक प्रभावः

  • रिश्तों में अविश्वास: जब हमारा रिश्ता किसी के साथ खराब होता है उसके बाद हमारा विश्वास भविष्य में किसी नए रिश्ते बनाने में असहजता महसूस होने लगती है ‘कहीं अगला व्यक्ति भी छोड़ ना दे?” कैसे सवाल हमारे मन में होता है।
  • समाज से दूरी बना: व्यक्ति समाज से कटने लगता है, सोशल इंटरैक्शन से बचता है, समाज की गतिविधियों से दूरी बनाता हैं।
  • आत्म-सम्मान पर प्रभावः कई बार ऐसा होता है हम अपने रिश्ते को बचाने के लिए अपने आत्मा सम्मान को नहीं देखते और हमारा झुकाव उस व्यक्ति के लिए होता है जिसे हम पसंद करते हैं व्यक्ति को लगता है कि वह दूसरों के लिए “महत्वपूर्ण” नहीं है। और इससे आत्म-विश्वास कमजोर पड़ने लगता है।

शारीरिक प्रभावः

  • भूख न लगना
  • नींद की कमी
  • थकावट, सिरदर्द

घोस्टिंग से कैसे निपटें:-

  • अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखेंः अगर आप घोस्टिंग जैसे परेशानियों का सामना कर रहे हैं। तो आपको अपने आप के साथ समय व्यतीत करना चाहिए जिससे आप अपने भावनाओं में काबू पा सके।
  • सहायता लेः ऐसे स्थिति में अपने मित्र, परिवार या परामर्शदाता आपको सहानुभूति और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं। ऐसे किसी व्यक्ति से बात करना जिस पर आप भरोसा करते हैं. ऐसी स्थितियों में बहुत मददगार हो सकता है।
  • स्वयं को दोष ना देः घोस्टिंग के कारण आपके जीवन में परेशानियां आ रही हैं। तो आप स्वयं को दोष ना दे आप उन बातों को समझने का प्रयास करें जो आपके साथ हो रही हैं।

अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करेः जो चीजें आपके जीवन में घटित हुई हैं, उन बातों को भूल के आगे बढ़ने का प्रयास करें। जैसे- आप अपने लक्ष्य पर ध्यान देकर अपने करियर में फोकस कर सकते हैं, आप अपने दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ समय व्यतीत करें।

निष्कर्ष

इस आधुनिक युग में जिस विज्ञान ने बहुत आविष्कार किए और हम बहुत टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं वैसे ही रिश्ते भी डिजिटल हो गए हैं जहां कोई व्यक्ति बिना किसी पूर्व सूचनों या स्पष्टीकरण से अचानक संपर्क तोड़ देता है यह व्यवहार हम दोस्ती रोमांटिक रिश्तों और कभी-कभी पेशेवर और संबंधों में देखा जाता है होस्टिंग का प्रभाव केवल एकतरफा नहीं होता यह किसी व्यक्ति की भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ होता है और कभी-कभी यह गहरे घाव भी छोड़ता है जिस व्यक्ति भ्रम में दुख में और अकेलेपन में पाया जाता है। इससे निपटने के लिए बीते हुई बातों को पीछे छोड़कर अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करें, स्वयं को वक्त दे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. घोस्टिंग क्या है?

उत्तरः जब कोई व्यक्ति बिना बताए, अचानक आपसे बातचीत करना बंद कर देता हैं उसे घोस्टिंग कहा जाता है।

2. किन रिश्तो में अक्सर घोस्टिंग होती है?

उत्तरः यह ऑनलाइन डेटिंग, रोमांटिक रिश्ते या हमारे कामकाज वाले जगह में होता हैं।

3. घोस्टिंग में शिकार व्यक्ति अपने आप से कैसा महसूस करता है?

उत्तरः अपने आप चिड़चिड़ा हो जाना, गुस्सा आना दुःख में होना।

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