Hindi

रिश्तों में ब्रेडक्रम्बिंग क्या है?

वर्तमान डिजिटल युग में रिश्तो की परिभाषा तेजी से बदल रही है। टेक्नोलॉजी जहां लोगों को एक-दूसरों से जोड़ने में सहूलियत दी है। वही रिश्तो में भ्रम, अस्थिरता और अनिश्चितता भी बढ़ गई है, ऐसे ही एक आधुनिक प्रवृत्ति हैं ब्रेडक्रम्बिंग, यह एक प्रकार का भावनात्मक शोषण है जो सामने वाले व्यक्ति के आत्मविश्वास, भावनात्मक स्थिरता और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैं।

ब्रेडक्रम्बिंग क्या है?

ब्रेडक्रम्बिंग किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति बिना कमिटमेंट के आगे बढ़ना है, जिसे आप रोमांटिकली पसंद करती हैं। यह किसी की दिलचस्पी बनाए रखने के बारे में है, भले ही उनका संबंध बनाने का इरादा न हो। जो लोग ब्रेडक्रंब करते हैं, वे आमतौर पर घंटों या कभी-कभी दिनों तक टेक्स्ट या चैट का जवाब नहीं देते हैं। वे आमतौर पर अपनी अनुपस्थिति के लिए कोई एक्सप्लेनेशन दिए बिना जवाबदेही से बच रहे होते हैं। असल में ऐसे लोग अस्पष्ट वाक्यों और भ्रमित करने वाली भाषा का उपयोग करते हुए उत्तर देते हैं, जैसे, “चलो इस बारे में कल बात करते हैं।”

Read More: घोस्टिंग क्या है? कारण, लक्षण और मानसिक प्रभाव

वे आपके साथ बाहर जाने के लिए बनाये गये प्लान्स को पूरा नहीं करते हैं और आप में उनकी रुचि के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहते हैं। ब्रेडक्रंबर का एक और क्लासिक संकेत यह है कि वे अपनी भावनाओं और रुचियों के बारे में बात करने से बचेंगे। इसके बजाय वे मीम्स, फोटो और वीडियो का इस्तेमाल करते हैं।

लोग ब्रेडक्रम्बिंग क्यों करते हैं?

ऐसे करने वाले लोग अपने भावनाओं के बारे में अस्पष्ट होते हैं। ऐसे लोग जानबूझकर सामने वाले को उलझन में डालते हैं, क्योंकि उन्हें खुद ही यह स्पष्ट नहीं होता कि वे रिश्ते में क्या चाहते हैं। चाहे वह दोस्ती हो, गंभीर रिश्ता या कैजुअल डेटिंग – ब्रेडक्रंबिंग करने वाले लोग तय नहीं कर पाते कि उन्हें दूसरे व्यक्ति से वास्तव में क्या चाहिए, और उनकी बातों में भी स्पष्टता की कमी होती है। जब लोग अपने वर्तमान संबंधों से संतुष्ट नहीं होते हैं, ये लोग आगे चल कर अकेले भी हो सकते है। ऐसे लोगों को रिश्ते बनाने में मुश्किलें होती है।

  • अकेलेपन का होना: कई बार ब्रेडक्रंबर व्यक्ति अकेलेपन को खत्म करने के लिए निकटता का आनंद ले सकता है, ऐसे लोग रिश्तो को लेकर गंभीर नहीं होते और अकेलेपन में रहना भी नहीं चाहते।
  • विषाक्त संबंध बनाना: कुछ लोग जानबूझकर ब्रेडक्रम्बिंग करते हैं ताकि वे सामने वाले को अपने नियंत्रण में रख सकें। यह एक तरह का भावनात्मक शोषण होता है, जिसमें व्यक्ति अपने फायदे के लिए किसी की भावनाओं से खेलता है।
  • प्रतिबद्धता का डर: ऐसे लोग गंभीर रिश्तों से डरते हैं या जिन्हें अतीत में चोट पहुँची है, वे लोग खुद को पूरी तरह किसी रिश्ते में नहीं डालते। लेकिन वे भावनात्मक रूप से अकेले भी नहीं रहना चाहते, इसलिए ब्रेडक्रम्बिंग का सहारा लेते हैं।

Read More: Psychology behind Benching

ब्रेडक्रम्बिंग के लक्षण

  1. असंगत संचार: ब्रेडक्रंबर आपको मैसेज, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया तो देगा परन्तु नियमित रूप से नहीं, ऐसे लोग पूरी तरह से ना दूरी बनाए रखते हैं, ना पास आते हैं।
  2. केवल शारीरिक संबंध बनाने में रुचि रखना: कुछ ब्रेडक्रंबर आपके साथ समय व्यतीत करना इसलिए चाहते हैं, जिससे वे लोग शारीरिक संबंध बना सके। हालाँकि, समय केवल उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए है और ऐसे व्यवहार से आपको लग सकता है व्यक्ति आपसे केवल शारीरिक संबंध बनाने के लिए दिलचस्प हैं।
  3. ब्रेडक्रंबर्स की हरकतें उनके कहे अनुसार नहीं होती हैं: कई बार ब्रेडक्रंबर्स खुद को जिस तरह प्रस्तुत करते हैं, असल में वे वैसे होते नहीं हैं। उनके शब्द आकर्षक होते हैं, लेकिन उनका व्यवहार उन बातों से मेल नहीं खाता। ब्रेडक्रंबिंग का शिकार व्यक्ति अक्सर अपने साथी की कही गई चौंकाने वाली या मीठी बातों पर इतना केंद्रित हो जाता है कि वह यह सोच ही नहीं पाता कि क्या उस व्यक्ति का व्यवहार भी उन्हीं शब्दों के अनुरूप है। इस तरह के लोग बिना पूरी तरह से किसी रिश्ते में प्रतिबद्ध हुए भी आपको उलझाए रखते हैं।
  4. ब्रेडक्रंबर्स पूरी रीती से आपको अपने जीवन में शामिल नहीं करते: ब्रेडक्रंबर्स ना तो वे आपको अपने दोस्तों से मिलवाते हैं, न ही अपने निजी जीवन के बारे में ज्यादा बताते हैं। और जब आप उनसे उनके निजी जीवन की चर्चा करने का प्रयत्न करते हैं तब वह बातों को टालमटोल करते हैं, रिश्ता सतही स्तर पर ही सीमित रहता है।
  5. भविष्य की बातों को लेकर कोई गंभीरता नही: ब्रेडक्रंबर्स आपको जब भी मैसेज करेंगे तो केवन हंसी मजाक, चंचलता, छेड़खानी वाली बाते ही करेंगे। वे कभी भी आपके किसी सीरियस मुद्दे पर बात करने से डरेंगे। इसके लिए वे परेशान और चिड़चिड़े हो सकते है। वे आपसे केवल सतही बाते करेंगे जिसका कोई मतलब नहीं होता है। ऐसे में आप पाएंगे या तो वो बात छोड़कर चले जाते है या फिर मुद्दों को बदलने की कोशिश करते है।
  6. मुलाकात करने से कतराना: जब भी ब्रेडक्रंबर्स को मिलने को कहते हैं, वह आपसे कामों का बहना बना के उसे टालमटोल करेगा । ऐसा व्यक्ति आपको सोशल मीडिया पर ढेरों मैसेज और लाइक्स भेज सकता है, लेकिन जब बात व्यक्तिगत रूप से समय बिताने की आती है, तो वह कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाता।

Read More: Psychology Behind Situationship 

ब्रेडक्रम्बिंग से कैसे बचे?

  • अपनी सीमाएं तय रखें: किसी भी रिश्ते को लेकर आप स्पष्ट रहे हैं, आप उस रिश्ते से क्या चाहते हैं? इस रिश्ते में आपकी सीमाएं क्या होनी है इन सभी बातों को लेकर स्पष्ट रहे।
    • अगर कोई व्यक्ति आपके जीवन में आता है, फिर चला जाता हैं ऐसे रिश्तों से सतर्क रहें।
    • व्यक्ति के व्यवहार को नजर अंदाज न करें।
  • किसी भी रिश्ते को बनाने में जल्दबाजी ना करें: किसी भी रिश्ते को बनाने से पहले व्यक्ति के व्यक्तित्व को समझे, जल्द ही उस रिश्ते में शामिल ना हो।
    • किसी भी व्यक्ति से अत्यधिक लगाव या उम्मीदें ना रखें।
    • किसी से व्यक्ति के शब्दों के से ज्यादा उसके क्रिया पर ध्यान दें।
  • सहायता लें: यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपको परेशान किया जा रहा है, तो इस मुद्दे पर अपने भरोसेमंद प्रियजनों से बात करने पर विचार करें। फीडबैक के लिए खुले रहना महत्वपूर्ण है भले ही आपको यह पसंद न हो!
  • सोशल मीडिया से सावधान रहें: सोशल मीडिया में कई बार ऐसा होता है कि हम मनुष्य के बाहरी रूप को देख पाते हैं, जैसे कि किसी की अच्छी फोटो या उसकी बायो को देखकर उसे निर्णय कर लेते हैं “कि वह अच्छा है” परन्तु हम उसके व्यवहार को ना जानते हए भी उस व्यक्ति से संबंध स्थापित करने की कोशिश करते हैं। पहले व्यक्ति की व्यक्तित्व की पहचान कर रिश्ते मैं आगे बढ़े।
    • हर टेक्स्ट को उम्मीद की नजर से देखना बंद करें।
  • थेरेपी या काउंसलिंग लें: अगर ब्रेडक्रम्बिंग ने आपके आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाया है, तो प्रोफेशनल मदद लेने में कोई हर्ज नहीं है।
    • थेरेपिस्ट से बात करके आप अपने इमोशन्स को समझ सकते हैं, इलाज की प्रक्रिया तेज़ होती है|

निष्कर्ष

ब्रेडक्रम्बिंग एक आधुनिक रिश्तों की समस्या है, जिसमें कोई व्यक्ति जानबूझकर दूसरे को भावनात्मक रूप से उलझाकर रखता है-बिना किसी स्पष्ट मंशा या प्रतिबद्धता के। यह व्यवहार दिखने में साधारण लग सकता है, लेकिन इससे व्यक्ति के आत्म-सम्मान, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिरता पर गहरा असर पड़ता है। ब्रेडक्रम्बिंग भले ही एक छोटा सा शब्द लगे, लेकिन इसका असर गहरा और चुभता हुआ हो सकता है। यदि आप इस अनुभव से गुजर रहे हैं, तो खुद को दोष न दें।

हिम्मत जुटाएं, सीमाएं तय करें, और उस दिशा में कदम बढ़ाएं जो आपकी भावनात्मक सेहत को बेहतर बनाए। रिश्ते वो हों जिनमें आप सुकून महसूस करें भ्रम नहीं। ऐसे लोगों से सावधान रहे, ब्रेडक्रम्बिंग का शिकार बनने पर व्यक्ति धीरे-धीरे आत्मविश्वास खोने लगता है और खुद को दोषी मानने लगता है। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप इन लक्षणों को पहचानें और समझें कि यह आपका दोष नहीं है। किसी भी रिश्ते में पारदर्शिता, ईमानदारी और परवाह ज़रूरी होती है। अगर कोई आपको सिर्फ “उम्मीद के टुकड़े” दे रहा है, तो वह रिश्ते का लायक नहीं है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1: ब्रेडक्रम्बिंग क्या है?

उत्तरः ब्रेडक्रम्बिंग एक व्यवहार है जहां व्यक्ति अपने रिश्ते को लेके स्पष्ट नहीं रहता वह अपने साथी को झूठी उम्मीदों में रखता हैं एवं उसे भावनात्मक रूप से उलझा कर रखता हैं, यह व्यक्ति अस्थाई रूप से संपर्क बनाए रखना है।

2: क्या ब्रेडक्रम्बिंग जानबूझकर किया जाता है?

उत्तरः हां कुछ अधिकतर मामलों में देखा गया है ये जानबूझ के किया जाता हैं, ताकि व्यक्ति को अपने नियंत्रण में रखा जा सके।

3: क्या ब्रेडक्रम्बिंग को नजरअंदाज करना सही है?

उत्तर: हाँ, अगर आप पूरी तरह से स्पष्ट हो चुके हैं कि सामने वाला व्यक्ति सिर्फ भावनात्मक रूप से खेल रहा है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि उसे नजरअंदाज करें और खुद को उस जाल से मुक्त करके आगे बढ़े।

4: क्या ब्रेडक्रम्बिंग करने वाला व्यक्ति बदल सकता है?

उत्तरः अगर वह व्यक्ति अपने व्यवहार को पहचानता है और वास्तव में बदलाव लाना चाहता है, तो संभव है। लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसे लोग बदलने के लिए तैयार नहीं होते, खासकर जब उन्हें अपने फायदे मिल रहे हों।

संदर्भ +
Exit mobile version