इंतजार करना इतना मुश्किल क्यों होता है?
Education

इंतजार करना इतना मुश्किल क्यों होता है?

waiting-psychology

इंतजार एक ऐसा अनुभव है जो निराशा और उम्मीद का मेल होता है। यह इंसानी जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण और अनोखे अनुभवों में से एक है। इंतजार करने का मतलब है किसी चीज़ को महत्व देना, उसे चाहना, उसकी कमी महसूस करना, लेकिन यह जानना कि वह चीज़ अभी समय और परिस्थितियों के कारण आपके पास नहीं है। यह असहायता हमें सिखाती है कि अपने जीवन में नियंत्रण और समर्पण के बीच संतुलन कैसे बनाए रखें। इंतजार एक तरह से समय और इच्छा के बीच का संघर्ष है, जिसमें हमारी इच्छाएँ बहुत होती हैं, लेकिन हम उन्हें पूरा करने के लिए समय को नियंत्रित नहीं कर सकते। इस मायने में, यह बोरियत से उलट है। बोरियत तब होती है जब हमारे पास समय तो होता है लेकिन कोई इच्छा नहीं। इंतजार का अनुभव हमारे जीवन में बहुत पहले, बचपन में ही शुरू हो जाता है। जब माता-पिता हमारे पास नहीं होते, तब उनका इंतजार करना, हमें पहली बार लालसा, निराशा और गुस्से का एहसास कराता है। लेकिन जिनका बचपन माता-पिता की शारीरिक या भावनात्मक अनुपस्थिति से प्रभावित रहा है, उनके लिए इंतजार करना और भी कठिन होता है।

इंतजार करना इतना मुश्किल क्यों होता है?

इंतजार मुश्किल इसलिए लगता है क्योंकि अक्सर जिस चीज़ का हम इंतजार कर रहे होते हैं उसका नतीजा हमारे अगले कदम तय करता है। अगर हमें वो जवाब मिलते हैं जिनकी हमें उम्मीद थी, तो हम खुशी मनाते हैं और आगे बढ़ते हैं। लेकिन अगर नतीजा हमारी उम्मीदों के खिलाफ हो, तो हमें उस नुकसान और निराशा को स्वीकार कर नई योजना बनानी पड़ती है। जानकारी मिलने से हमें आगे बढ़ने का रास्ता मिलता है, जबकि जानकारी के बिना ऐसा लगता है जैसे जिंदगी रुक गई हो। एक अध्ययन में पाया गया कि लोग परिणाम का इंतजार करते समय अधिक चिंता महसूस करते हैं, बजाय इसके कि उन्हें कोई बुरी खबर मिले। इस तरह, इंतजार व्यावहारिक कारणों से कठिन होता है। नतीजे के आधार पर हमें कई बदलाव करने पड़ सकते हैं, जैसेः

  • क्या मुझे दूसरी नौकरी या स्कूल के लिए आवेदन करना होगा?
  • क्या मुझे फिर से परीक्षा देनी होगी?
  • क्या मुझे कहीं और शिफ्ट होना पड़ेगा?
  • क्या मुझे कोई मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू करना होगा?
  • या किसी काम को फिर से नए सिरे से शुरू करना होगा?

इंतजार के दौरान हमारी जिंदगी कई मायनों में ठहर जाती है।

इंतजार इसलिए भी मुश्किल होता है क्योंकि इंसान निश्चितता की चाह रखता है।

हमारा दिमाग इस तरह से बना है कि हमें चीज़ों को जानने और समझने की ज़रूरत महसूस होती है। अगर हमें पता हो कि आगे क्या होने वाला है, तो हम उसके लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं और संभल सकते हैं। लेकिन अगर भविष्य अनिश्चित हो, तो हमें न सिर्फ तैयारी करने में मुश्किल होती है, बल्कि हम अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर पाते। यही कारण है कि निश्चितता की चाह हमारे स्वभाव में गहराई तक बसी होती है।

Read More: How to Define Success for Yourself: The Power of Personal Goals

इंतजार को कठिन बनाने वाले कुछ कारणः

  1. इंतजार का समय: जितना लंबा इंतजार होता है उतनी ही ज्यादा बोरियत, निराशा और गुस्सा महसूस होता है।
  2. इंतजार की अनिश्चितता: अगर हमें यह न पता हो कि हमें कब तक इंतजार करना पड़ेगा, तो नकारात्मक भावनाएँ और बढ़ जाती हैं।
  3. इंतजार में न्याय की भावना: अगर हमें लगता है कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है, तो हम और अधिक नकारात्मक महसूस करते हैं।
  4. व्यक्तिगत स्वभाव: कुछ लोग स्वभाव से अधिक धैर्यवान होते हैं, जबकि कुछ लोग जल्दी परेशान हो जाते हैं।

ऐसे 10 कारण जिनसे इंतजार लंबा लगता है

  1. खाली समय लंबा लगता है: जब हमारे पास ध्यान भटकाने के लिए कुछ होता है, तो समय जल्दी बीतता है। उदाहरणः लिफ्ट के पास शीशा लगाना ताकि लोग खुद को देखकर व्यस्त रहें या डॉक्टर के क्लीनिक में पत्रिकाएँ और टीवी रखना।
  2. प्रक्रिया शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद का इंतजार ज्यादा लंबा लगता है: जब प्रक्रिया शुरू हो जाती है, तो इंतजार उतना महसूस नहीं होता। उदाहरणः ग्राहक के आने पर तुरंत फॉर्म भरने को कहने से उसे लगेगा कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इंतजार का अहसास कम होगा।
  3. चिंता से इंतजार लंबा लगता है: चिंता के कारण समय धीमा लगता है। इसे कम करने के लिए शांत माहौल बनाया जा सकता है जैसे आरामदायक फर्नीचर, हल्के रंग और सुकून देने वाला संगीत ।
  4. अनिश्चित इंतजार, निश्चित इंतजार से ज्यादा लंबा लगता है: जब हमें पता नहीं होता कि कितना इंतजार करना है, तो समय और लंबा लगता है। उदाहरण: “डाउनलोडिंग बार” जो दिखाता है कि कितना समय बाकी है, इंतजार के अहसास को कम करता है।
  5. बिना वजह बताए गए इंतजार लंबा लगता है: अगर हमें इंतजार की वजह नहीं पता हो, तो समय ज्यादा लगता है। उदाहरणः विमान में देरी हो तो पायलट अगर देरी की वजह और समय बताए, तो इंतजार सहन करना आसान हो जाता है।
  6. अन्यायपूर्ण इंतजार ज्यादा लंबा लगता है: अगर हमें लगे कि दूसरों को हमसे जल्दी सेवा मिल रही है, तो हमारा इंतजार कठिन हो जाता है। उदाहरण: “टोकन नंबर” या “पहले आओ, पहले पाओ” जैसी प्रणाली से प्रतीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाया जा सकता है।
  7. मूल्यवान सेवाओं के लिए लोग ज्यादा इंतजार कर सकते हैं: लोग महंगी और महत्वपूर्ण चीजों के लिए लंबे समय तक इंतजार करने को तैयार रहते हैं। उदाहरणः सस्ते फास्ट फूड की तुलना में महंगे रेस्टोरेंट में लोग ज्यादा इंतजार सहन कर सकते हैं।
  8. अकेले इंतजार करना ज्यादा लंबा लगता है: जब हम समूह में होते हैं, तो इंतजार का समय कम महसूस होता है। उदाहरणः हवाई जहाज के “बोर्डिंग ग्रुप्स” से लोगों को समूह का अहसास होता है।
  9. शारीरिक रूप से असुविधाजनक इंतजार ज्यादा लंबा लगता है: शारीरिक आराम से इंतजार का अनुभव बेहतर होता है। उदाहरणः हवाई अड्डों पर लाउंज इंतजार को आरामदायक बनाते हैं।
  10. नए या कम अनुभव वाले लोगों को इंतजार ज्यादा लंबा लगता है: पहली बार कुछ करने पर समय ज्यादा लगता है, जबकि दोबारा करने पर कम । उदाहरण: पहली बार जाने का रास्ता लंबा लगता है, जबकि लौटते समय जल्दी लगता है।

Read More: Why are Human Beings called Social Animals?

इंतजार का भावनात्मक असर

सेवा में देरी अक्सर ग्राहकों की नकारात्मक भावनाओं को बढ़ा देती है। जब इंतजार अपेक्षा से अधिक होता है, तो लोग आमतौर पर निराश, गुस्से में और अधीर महसूस करते हैं। ये असहज भावनाएँ केवल उस पल तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि व्यवसाय के प्रति ग्राहकों की समग्र धारणा को भी प्रभावित करती हैं। शोध से पता चला है कि यदि ग्राहक देरी का अनुभव करते हैं, तो उनके दोबारा लौटने की संभावना कम हो जाती है। यह विशेष रूप से सेवा-आधारित व्यवसायों के लिए चिंता का विषय है, जहाँ दीर्घकालिक सफलता के लिए ग्राहक बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

ग्राहक वफादारी (Loyalty) पर प्रभाव

लंबे इंतजार का सीधा असर ग्राहक वफादारी पर पड़ता है। 2016 के एक अध्ययन के अनुसार, लंबे इंतजार से ग्राहक कम वफादार हो जाते हैं और दूसरे विकल्पों की तलाश करने लगते हैं। यह भी पाया गया कि जो ग्राहक लंबी कतारों की वजह से सेवा नहीं ले पाते, उनमें से केवल एक-तिहाई ही दोबारा लौटते हैं। इसका मतलब है कि लंबे इंतजार के कारण व्यवसाय अपने दो-तिहाई संभावित ग्राहकों को खो देते हैं। इससे व्यवसाय की लाभप्रदता और वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

आभासी इंतजार (Perceived Wait Time)

इंतजार का अनुभव वास्तविक समय से अधिक महसूस हो सकता है। इसे “आभासी इंतजार” कहा जाता है। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में पाया गया कि यदि इंतजार तीन मिनट से अधिक हो जाता है, तो हर गुजरते मिनट के साथ ग्राहक को लगता है कि वे अधिक समय तक इंतजार कर रहे हैं। जो ग्राहक पाँच मिनट तक इंतजार करते हैं, उन्हें ऐसा लगता है जैसे उन्होंने दस मिनट इंतजार किया हो। वास्तविक और आभासी इंतजार के बीच का यह अंतर नकारात्मक भावनाओं को बढ़ा सकता है और ग्राहक संतोष को कम कर सकता है।

ग्राहक संतोष पर प्रभाव

जैसे-जैसे इंतजार का समय बढ़ता है, ग्राहक संतोष कम होता जाता है। शोध से यह बात सामने आई है कि ग्राहक संतोष का सीधा संबंध उनके इंतजार के अनुभव से होता है। जितना अधिक उन्हें लगता है कि उन्होंने इंतजार किया है, उतना ही वे असंतुष्ट महसूस करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, हर एक मिनट के प्रतीत होने वाले इंतजार से संतोष लगभग 19% तक कम हो जाता है। इसलिए, व्यवसायों के लिए यह ज़रूरी है कि वे इंतजार के समय को कम करें और ग्राहकों का अनुभव सकारात्मक बनाए रखें। उदाहरण के तौर पर, फास्ट फूड रेस्टोरेंट्स में औसत ड्राइव-थ्रू इंतजार का समय लगभग 6 मिनट 22 सेकंड होता है। थोड़े से समय की कमी भी ग्राहक के अनुभव को बेहतर बना सकती है।

इंतजार का अनुभव बेहतर कैसे करें?

व्यवसाय इंतजार के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित रणनीतियाँ अपना सकते हैं:

  1. प्रतीक्षा समय का प्रबंधन करें: रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम अपनाएँ ताकि इंतजार का समय कुशलता से नियंत्रित किया जा सके।
  2. प्रभावी कतार प्रबंधनः सेवा प्रक्रिया को तेज और सुव्यवस्थित करें।
  3. ग्राहकों को व्यस्त रखेंः टीवी, पत्रिकाएँ, या इंटरएक्टिव डिस्प्ले जैसी मनोरंजन सुविधाएँ प्रदान करें।
  4. आरामदायक प्रतीक्षा स्थानः आरामदायक बैठने की व्यवस्था और सुखद माहौल तैयार करें।
  5. स्पष्ट जानकारी दें: ग्राहकों को प्रतीक्षा समय और कारण के बारे में सूचित करें ताकि उनकी निराशा कम हो।
निष्कर्ष

इंतजार हमारी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा है, जो जन्म से पहले से ही शुरू हो जाता है। नौ महीने तक हम अपनी माँ के गर्भ में जन्म की प्रतीक्षा करते हैं। इसी तरह, जीवन के अंत में हम मृत्यु का इंतजार करते हैं। हर दिन, हम अलग-अलग स्थितियों में इंतजार करते हैं चाँद के बाद सूरज का उगना, कलियों का खिलना, या अपने घर के बिकने का इंतजार। जैसा कि टॉम पेटी ने कहा है, “इंतजार सबसे कठिन हिस्सा है।” लेकिन जिस उत्तर का आप इंतजार कर रहे हैं वह आपके बाहर नहीं, आपके भीतर है। अनजाने के सामने बेहतर महसूस करना आपके खुद के अंदर छिपा है। इसे धीरे-धीरे, एक कदम पर एक कदम, आगे बढ़कर स्वीकार करें।

References +
  • Popova, M. (2024, November 18). How to Wait Better: The psychology of withstanding absence and missing someone you love. The Marginalian. https://www.themarginalian.org/2024/08/27/adam-phillips-better-waiting/
  • FasterLines, & FasterLines. (2024, June 14). The Psychology of Waiting | FasterLines. FasterLines. https://fasterlines.com/knowledge-hub/uncategorized/the-psychology-of-waiting/
  • Kushner, D. M. (2018, October 25). How to turn this universal annoyance into a chance for enchantment. Psychology Today. https://www.psychologytoday.com/intl/blog/transcending-the-past/201810/waiting-a-source-of-anxiety-or-opportunity-for-discovery
...

Leave feedback about this

  • Rating
X