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दूसरी भाषा सीखने से करियर को कैसे फायदा?

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आमतौर पर, एक से अधिक भाषाएँ जानने वाले लोगों को करियर में वृद्धि के अवसर अधिक मिलते हैं। किसी भी भाषा पर अच्छी पकड़ व्यक्ति को सफलता तक ले जा सकती है। भाषा का ज्ञान होने से करियर की अनंत संभावनाएँ आपके लिए खुलती हैं। यदि आप करियर में वृद्धि और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपके संवाद कौशल में महारत होना बेहद जरूरी है। बेहतरीन संवाद क्षमता बिना किसी भाषा पर कमांड के संभव नहीं है।

आजकल बड़ी कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर आमतौर पर वही लोग पहुँचते हैं, जिन्हें एक से अधिक भाषाओं की समझ होती है। ऐसे लोग अधिक कमाते हैं।

सफलता के लिए भाषा का महत्व

कई बातें ऐसी हैं जो सफलता के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। सफलता के लिए शिक्षा, योग्यता और जिम्मेदारी के प्रति ईमानदारी आवश्यक है, लेकिन संबंध स्थापित करना भी जरूरी है। जाहिर है, हमें संबंध साधने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है। संबंध-सम्पर्क के माध्यम से भाषा पर बेहतर पकड़ ही दुनिया से संवाद का द्वार खोलती है।

किस भाषा पर बनाएं पकड़?

सवाल उठता है कि किस भाषा पर अपनी पकड़ बनाएं – मातृभाषा या संपर्क-भाषा? दरअसल, मातृभाषा किसी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है। यह सीखने, समझने और ज्ञान प्राप्ति की राह को सरल बनाती है। हालाँकि इसका क्षेत्र सीमित होता है। वहीं, संपर्क भाषा का प्रयोग सामान्यतः ऐसे दो व्यक्तियों के बीच होता है, जिनकी मातृभाषाएँ अलग हैं। इसे ‘लिंगुआ फ्रैंका’, सेतु-भाषा या व्यापार भाषा भी कहते हैं।

संपर्क-भाषा पर पकड़ बनाए बिना ग्लोबल गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेना किसी भी व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। इसीलिए ज़रूरी है कि करियर को बेहतर बनाने वाली भाषा को अपनाया जाए। आज के ज़माने में संपर्क-भाषा के तौर पर अंग्रेजी सबसे ऊँचे पायदान पर है।

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भाषा से बढ़ेगी तरक्की की रफ्तार

भाषा पर अच्छी पकड़ किसी व्यक्ति को सफलता के शिखर तक ले जा सकती है। कारोबारी संबंधों की नींव को मजबूत करने में यह काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। कब, क्या और कितना बोलना है, यदि इसका ध्यान रखा जाए तो न केवल वक्त बचता है बल्कि बेवजह के विवादों से भी बचा जा सकता है। अप्रिय बात भी यदि कायदे से कही जाए तो उसकी कड़वाहट को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि भाषा पर अच्छी पकड़ बना ली जाए तो यह न केवल किसी व्यक्ति के करियर को चार चाँद लगा सकती है, बल्कि ब्लॉगिंग, स्लोगन, संवाद लेखन, पटकथा लेखन, मीम्स जैसे विकल्पों के साथ करियर चयन के वैकल्पिक रास्ते भी दिखाती है।

कैसे हासिल करें भाषा में महारत?

  • शब्दों का ध्यान रखें: करियर में नुकसान से बचने के लिए इसे करियर मंत्र बना लें।
  • शब्द शक्ति बढ़ाएं: रोज़ नए शब्द सीखें और उन्हें प्रयोग में लाएं।
  • पक्का इरादा: सीखने की रफ्तार आपकी मेहनत, इच्छा और समय पर निर्भर करती है।
  • माहौल में रहें: भाषा सीखने के लिए माहौल में रहें, बेझिझक बातें करें और अपनी गलतियों को सुधारते रहें।
  • खूब पढ़ें: भाषा सीखने के लिए पढ़ना जरूरी है। इसीलिए हर रोज़ कुछ न कुछ पढ़ना शुरू कर दें। इससे आपकी ग्रामर ठीक होगी और आप सही बोलेंगे।
  • खूब अभ्यास करें: कई बार ऐसा होता है कि आप लिख तो लेते हैं, लेकिन बोल नहीं पाते हैं। इसलिए लगातार प्रैक्टिस करें। शीशे के सामने बोलकर आप अपनी झिझक दूर कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके अंदर कॉन्फिडेंस डेवेलप होगा।
  • अपनी पसंद की भाषा में लिखना: संपर्क भाषा में लिखना और बोलना जल्दी सीखने के लिए उसी भाषा में सोचना शुरू कर दें। कभी खुद से बातें करें तो कभी डायरी लिखें, लेकिन रोज़ कुछ न कुछ जरूर लिखें।
  • पॉडकास्ट सुनें: अपनी पसंद की भाषा में पॉडकास्ट सुनें। किताबें पढ़ें और उनके बारे में अपनी डायरी में लिखें।
  • इंटरनेट का सदुपयोग करें: डिजिटल युग में आप ऐप्स की मदद से भी शब्द ज्ञान-भाषा ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
  • याद रखें: भाषा ज्ञान हासिल करने की प्रक्रिया को कभी नीरस न होने दें।

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आपको नई भाषा क्यों सीखनी चाहिए?

यदि आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि दूसरी भाषा सीखना आपके लिए सही है या नहीं, तो निम्नलिखित सच्चाई आपको इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद जल्द से जल्द इसे शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

नई भाषा सीखने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  1. बढ़ी हुई संज्ञानात्मक क्षमताएँ: भाषा सीखने को अपने मस्तिष्क के लिए एक कसरत के रूप में सोचें। अध्ययनों से पता चलता है कि यह न्यूरॉन्स के बीच नए कनेक्शन बनाने में मदद करता है और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है। इस प्रक्रिया को न्यूरोप्लास्टिसिटी के रूप में जाना जाता है, जो मस्तिष्क की पुनर्गठित और अनुकूलन करने की क्षमता को संदर्भित करता है।
  2. व्यक्तिगत विकास और बेहतर आत्मविश्वास: सच तो यह है कि नई भाषा सीखना एक चुनौतीपूर्ण काम है। हालाँकि, जैसे-जैसे आप बाधाओं का सामना करते हैं और अपने लक्ष्यों तक पहुँचते हैं, आपमें लचीलापन और उपलब्धि की भावना विकसित होती है।
  3. आसान यात्रा: जब आप किसी विदेशी देश में जाते हैं, तो स्थानीय भाषा जानने से यात्रा प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। यह आपको स्थानीय लोगों से सीधा संवाद करने, दिशा-निर्देश, रेस्तरां की सिफारिशें और बहुत कुछ पूछने की अनुमति देता है।
  4. सामाजिक संपर्क के अधिक अवसर: एक नई भाषा सीखने से आपके पास तुरंत ज़्यादा सामाजिक संबंध बनाने के अवसर बढ़ जाते हैं, चाहे वे रोमांटिक हों या प्लेटोनिक।
  5. अधिक रोजगार के अवसर: दूसरी भाषा जानने से आपके करियर और वित्तीय विकल्पों को कई तरह से आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कई जॉब पोस्टिंग में ऐसे उम्मीदवारों की ज़रूरत होती है जो किसी खास भाषा (या कई भाषाएँ) में पारंगत हों।
  6. अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना: भाषा और संस्कृति आपस में जुड़ी हुई हैं। इस वजह से, दूसरी भाषा सीखने से आपको अलग-अलग संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में ज़्यादा गहरी समझ और प्रशंसा विकसित करने का मौका मिलता है।

सच तो यह है कि नई भाषा सीखना एक चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाला काम है। इसके लिए समर्पण और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। लेकिन कोई भी मूल्यवान चीज़ आसानी से नहीं मिलती है।

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