क्या आपको भी रोजाना काम पर जाने का मन नहीं करता? तो शायद आपका कार्यस्थल हो सकता है टॉक्सिक
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क्या आपको भी रोजाना काम पर जाने का मन नहीं करता? तो शायद आपका कार्यस्थल हो सकता है टॉक्सिक

क्या आपको भी रोजाना काम पर जाने का मन नहीं करता तो शायद आपका कार्यस्थल हो सकता है टॉक्सिक

कल्पना कीजिए कि आप एक कंपनी या ऑफिस में काम करते हैं और एक दिन आप 8 घंटे मेहनत से काम करते हैं, लेकिन जब आप अपने बॉस के पास जाते हैं तो आपकी सराहना करने के बजाए आपके बॉस आपको सब के सामने अपमानित करते हैं। आपको यह सुनने में काफी आम बात लग रही होगी, लेकिन क्या हो अगर यह चीज आपके साथ रोजाना होने लगे? क्या आप घर को शांति से लौट पाएंगे? क्या आप अगले दिन काम पर जाने के लिए प्रेरित रहेंगे?

ऐसे जगह को “विषाक्त कार्यस्थल”(Toxic Workplace) कहा जाता है। प्रस्तुत कल्पना तो टॉक्सिक कार्यस्थल का एक मात्र उदहारण है। ऐसे ही न जाने कितने घटनाएं होते हैं जिनसे कई कर्मचारियों को गुजरना पड़ता है। यह आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से तनाव महसूस कराता है। यह आपके कार्यस्थल पर उत्पादकता को भी कम करता है।

विषाक्त कार्यस्थलों में काम, लोग, वातावरण या इनमें से किसी भी कारक का संबध आपके व्यक्तिगत जीवन में बड़े समस्या पैदा कर सकती है। कर्मचारी अपने दिन के अधिकांश घंटे कार्यस्थल पर बिताता है। उनके लिए कार्यस्थल दूसरा घर होता है। परिवार और मित्रों के बाद सहकर्मी और टीम होते हैं जिनके साथ कर्मचारी अपने जीवन में सबसे अधिक बातचीत करते हैं।

कैसे जानें की आपका कार्यस्थल विषाक्त (टॉक्सिक) है?

कई लोग यह समझते हैं कि कार्यस्थल पर टॉक्सिसिटी सिर्फ बड़े ऑफिसों में देखा जाता है, और यह एक ऑफिस तक सीमित रहने वाला विषय है, लेकिन ऐसा सोचना बिलकुल गलत है। टॉक्सिसिटी हर कार्यस्थल पर देखा जा सकती है, फिर चाहे वह ऑफिस का कर्मचारी हो या कोई मजदूर। यदि आप एक कर्मचारी हैं या आपके अपने हैं, तो नीचे दिए गए संकेतों के माध्यम से आप यह समझ सकते हैं कि आपका/उनका कार्यस्थल विषाक्त है या नहीं:

  • लगातार तनाव (Constant stress): यदि काम के दौरान आप निरंतर मानसिक और शारीरिक तनाव महसूस कर रहे हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है की आपका कार्यस्थल विषाक्त है।
  • काम का असंतुलित बोझ (Imbalanced workload): जब कार्यस्थल पर अत्यधिक काम का दबाव होता है और आपको पर्याप्त आराम या ब्रेक का समय नहीं मिलता, तो यह विषाक्त माहौल का संकेत हो सकता है।
  • सम्मान की कमी (Lack of respect): अगर आपके काम की सराहना नहीं की जाती और आपको निरंतर अपमान या आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, तो यह आपके आत्म-सम्मान को प्रभावित कर रहा है।
  • संचार में कमी (Lack of Communication): अगर कार्यस्थल पर स्पष्ट बातचीत का अभाव है, तो इससे गलतफहमियां और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं। यह स्थिति कार्यस्थल पर संघर्ष और तनाव को बढ़ावा देती है, जो अंततः विषाक्त माहौल को जन्म देती है।
  • उच्च कर्मियों का पलायन (High employee turnover): अगर आपके कार्यस्थल पर कर्मचारी बार-बार नौकरी छोड़ते हैं, तो यह अस्थिरता या विषाक्त माहौल का संकेत हो सकता है। उच्च टर्नओवर दर यह दर्शाता है की कार्यस्थल में कुछ समस्याएँ कर्मचारियों को संतुष्ट नहीं कर रही हैं।

यदि यह संकेत आपके कार्यस्थल पर दिखाई देते हैं, तो यह विषाक्त माहौल हो सकता है।

टॉक्सिक कार्यस्थल के मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव होते हैं?

क्या आप जानते हैं कि 2022 में मैकिंसे (MCkinsey)  हेल्थ सर्वे के अनुसार भारत में कमसेकम 40% कर्मचारी टॉक्सिक कार्यस्थल के समस्याओं के कारण अवसाद या डिप्रेशन का खतरा बताया गया है। हम इस आंकड़े से यह अनुमान लगा सकते हैं की यह विषय चर्चा करने योग्य अवश्य है। टॉक्सिक कार्यस्थल के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • तनाव और चिंता (Stress and Anxiety): जब कार्यस्थल पर निरंतर दबाव और असुरक्षा का माहौल होता है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। यह स्थिति काम की गुणवक्ता और जीवन के अन्य पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
  • डिप्रेशन (Depression): विषाक्त माहौल में लंबे समय तक काम करने से मानसिक थकावट और डिप्रेशन पैदा कर सकता है। निरंतर नकारात्मकता और समर्थन की कमी से व्यक्ति की मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है।
  • आत्मसम्मान की कमी (Decreased self-esteem): जब कर्मचारियों को बार- बार अपमानित या उनके काम की सराहना नहीं की जाती, तो यह उनके आत्म-सम्मान को प्रभावित कर सकता है। आत्म-सम्मान में कमी के कारण व्यक्ति अपने क्षमताओं पर विश्वास खो देता है, जिससे काम की गुणवत्ता और व्यक्तिगत विकास पर भी असर पड़ता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएं (Health Problems): मानसिक तनाव और चिंता शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। तनाव के कारण सिर दर्द, नींद की समस्या, पेट की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है। यह विभिन्न शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है।
  • काम के प्रति उदासीनता (Workplace Apathy): एक विषाक्त कार्यस्थल में काम करने से कर्मचारियों के काम के प्रति उत्साह और प्रेरणा में कमी आ सकती है। असंतोष और तनाव की वजह से कर्मचारी काम के प्रति उदासीन हो सकते हैं, जिससे उत्पादकता में कमी आती है और कार्यस्थल का माहौल और भी खराब होता है।

प्रस्तुत लक्षण आम तौर पर ज्यादा अनुभव किए जाने वाले हैं। अन्य लोगों के लिए अलग-अलग लक्षण देखे जा सकते हैं।

टॉक्सिक कार्यस्थलों से निपटने या उन्हें पार करने के तरीके:

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के एक अध्ययन के अनुसार, कार्यस्थल पर विषाक्तता न केवल व्यापक है, बल्कि यह कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है। इसलिए, यदि आप खुद को असहज कार्य परिदृश्य में पाते हैं, तो यहां कुछ मुकाबला करने की रणनीतियाँ दी गई हैं।

  • समस्याओं की पहचान और समाधान (Identify and address issues): विषाक्त कार्यस्थल की समस्याओं को सही से पहचानना महत्वपूर्ण है। आपको कार्यस्थल पर होने वाले विषाक्त व्यवहार को समझना और उनके स्त्रोत को पहचानना होगा। इस व्यवहार को सीधे संवाद के माध्यम से या उचित चैनलों जैसे कि एचआर विभाग के माध्यम से संबोधित करें।
  • सहायता प्राप्त करें (Seek support): यदि कार्यस्थल पर आपको विषाक्त माहौल का सामना करना पड़ रहा है तो सलाह और भावनात्मक समर्थन प्राप्त करने के लिए मेंटर्स या सहकर्मियों से संपर्क करें। ऐसे लोगों से बात करें जो आपके स्थिति को समझ सकते है और आपको सही दिशा दिखा सकते है।
  • सीमाएँ निर्धारित करें (Set Boundaries): काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच सीमाएं निर्धारित करना आवश्यक है, ताकि कार्य समय के बाहर अपने आप को पूरी तरह काम से अलग करके व्यक्तिगत जीवन का आनंद ले सकें। व्यक्तिगत समय को प्राथमिकता देने से आप मानसिक रूप से स्वास्थ रह सकते हैं।
  • स्व-देखभाल का अभ्यास करें (Practice Self-care): तनाव को कम करने के लिए स्व-देखभाल का अभ्यास करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियमित शारीरिक गतिविधि, मानसिक विश्राम तकनीक, और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है।
  • वैकल्पिक विकल्प तलाशें (Explore alternatives): यदि कई सारे कोशिशों के बावजूद आपके कार्यस्थल की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, तो अन्य नौकरी के अवसरों पर विचार करें। साथ ही, एचआर विभाग के साथ इस बारे में चर्चा करें कि क्या कोई बदलाव संभव है जो कार्यस्थल के माहौल को बेहतर बना सके।

ऑफिस के तनाव और टॉक्सिक कार्यस्थल के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आपको काम के दौरान बीच-बीच में खुद को भी समय जरूर देना चाहिए। इसके अलावा ऑफिस में दोस्त बनाना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। अगर साथ काम करने वाले लोगों से दोस्ती करते हैं तो उनसे आप अपने दिल की बात खुलकर बोल सकते हैं। स्वास्थ्य और कल्याण में भारत के सर्वश्रेष्ठ कार्यस्थल 2023 रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2023 में विभिन्न उद्योगों में कार्यस्थल कल्याण स्कोर में गिरावट आई है। भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत कम चर्चा और ज्ञान है। लोग सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को मान्यता देते हैं परंतु मानसिक स्वास्थ्य को कोई बहाना समझते हैं।

विषाक्त कार्य संस्कृति आपके संगठन को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकती है। यह न केवल उच्च कर्मचारी पलायन दर और कम उत्पादकता की ओर ले जाती है, जिससे आपके मुनाफे पर असर पड़ता है, बल्कि यह एक मानव-केंद्रित समस्या है जो आपकी कंपनी के लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है। विषाक्त कार्य संस्कृति को आपके लोगों को प्राथमिकता देने से न रोकने दें।

FAQs
  1. टॉक्सिक कार्यस्थल किसे कहते है?

टॉक्सिक कार्यस्थलों में काम, लोग, वातावरण या इनमें से किसी भी कारक का संबध आपके व्यक्तिगत जीवन में बड़े समस्या पैदा कर सकती है। इन श्रेणी में आने वाले कार्यस्थलों को टॉक्सिक कहा जाता है।

  1. टॉक्सीसिटी किन कार्यस्थलों में देखने को मिलती है?

टॉक्सिसिटी हर कार्यस्थल पर देखा जा सकता है,फिर चाहे वह ऑफिस का कर्मचारी हो या कोई मजदूर। 

  1. कैसे जानें की आपका कार्यस्थल टॉक्सिक है?

इन 5 संकेतो से टॉक्सिक कार्यस्थल की पहचान करें:

  • लगातार तनाव
  • काम का असंतुलित बोझ
  • सम्मान की कमी
  • संचार में कमी
  • उच्च कर्मियों का पलायन
  1. टॉक्सिक कार्यस्थल के मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव होते हैं?

टॉक्सिक कार्यथलों के मानसिक रूप से प्रभावित 5 प्रमुख्य लक्षण:

  • तनाव और चिंता
  • डिप्रेशन
  • आत्मसम्मान की कमी
  • स्वास्थ्य समस्याएं
  • काम के प्रति उदासीनता
  1. टॉक्सिक कार्यस्थलों से निपटने के तरीके क्या हैं?

टॉक्सिक कार्यस्थलों से निपटनेके 5 आसान तरीके:

  • समस्याओं की पहचान और समाधान करें
  • सहायता प्राप्त करें
  • सीमाएँ निर्धारित करें
  • स्व-देखभाल का अभ्यास करें
  • वैकल्पिक विकल्प तलाशें
References +
  • Lcsw-R, A. A. (2023, July 18). The APA’s 2023 Work in America survey is a reminder of many workers’ challenges. Psychology Today. https://www.psychologytoday.com/intl/blog/nurturing-self-compassion/202307/the-toll-of-toxic-workplaces-on-mental-health
  • APA poll reveals toxic workplaces, other significant workplace mental health challenges. (2023, July 13). https://www.apa.org. https://www.apa.org/news/press/releases/2023/07/work-mental-health-challenges
  • Rastogi, S. (2024, March 29). With spotlight on toxic workplaces, how can we create a healthier work environment? The Indian Express. https://indianexpress.com/article/lifestyle/workplace/toxic-workplace-signs-employee-wellbeing-healthy-work-culture-tips-9236076/

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